
विक्रय किए गए खाद का क्यूआर कोड को प्राथमिकता से करे स्कैन- कलेक्टर, वर्मी टाका की उपलब्धता वाले गौठानों में अनिवार्य रूप से गोबर क्रय करने के लिए किया निर्देशित
जशपुरनगर 06 अगस्त 2021/ कलेक्टर श्री महादेव कावरे ने आज मोबाईल एप्लीकेशन के माध्यम से गोधन न्याय योजना की समीक्षा बैठक ली। उन्होंने विकासखंडवार गौठानों में गोबर खरीदी, खाद उत्पादन, विक्रय, सक्रिय गौठान के संबंध में जानकारी लेते हुए खाद निर्माण में तेजी लाने के निर्देश दिए। बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री के.एस.मण्डावी, समस्त एसडीएम, उप संचालक कृषि विभाग, सहायक पंजीयक सहकारी संस्था, नगरीय निकाय के सीएमओएसएडीओ सहित गौठानों के नोडल अधिकारी उपस्थित थे।
कलेक्टर ने कहा कि गोधन न्याय योजना प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है। इस हेतु योजना के संचालन में किसी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण एवं नगरीय निकाय के गौठानों में जहां टाका उपलब्ध हो उन गौठानों में अनिवार्य रूप से गोबर क्रय करने के निर्देश दिए। जिससे खाद निर्माण कार्य में निरंतरता बनी रहे। उन्होंने कहा कि क्रय किए हुए गोबर को 15 दिन तक बाहर रखना होता है इसलिए सभी गौठानों में इसके लिए आवश्यक व्यवस्था करनी की बात कही। जिससे गोबर बरसात में खराब न हो।
श्री कावरे ने खाद उत्पादन के संबंध में जानकारी लेते हुए खाद उत्पादन में प्रगति लाने के लिए गौठान से जुड़े सभी अधिकारी-कर्मचारी को विशेष प्रयास करने की बात कही। उन्होंने गौठान में निर्मित्त खाद की छनाई व पैकेजिंग गंभीरता से कराने के लिए निर्देशित किया साथ ही उत्पादित खाद की पोर्टल में एंट्री कराने के लिए कहा। उन्होंने कृषि, उद्यानिकी, रेशम, पशुपालन सहित अन्य विभाग को विभागीय योजनाओं के अंतर्गत की जाने वाली पौधरोपण, चारागाह विकास सहित अन्य कार्यों के लिए उनकी आवश्यकतानुसार खाद प्रदान करने के लिए कहा एवं सभी विभागांे को यथाशीघ्र समितियों से खाद का उठाव सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। साथ ही सक्रिय गौठानों की संख्या बढ़ाने के लिए भी कार्य करने की बात कही। उन्होंने गौठानों के नोडल अधिकारियों को सक्रिय कर विक्रय की गई खाद की क्यूआर कोड को प्राथमिकता से स्कैन करने एवं यथाशीघ्र लंबित खाद का उठाव कराने कहा। जिससे विक्रय की गई खाद की सही जानकारी पोर्टल में प्रदर्शित हो सके।
कलेक्टर ने सभी सहकारी समितियों में रासायनिक उर्वरक के साथ-साथ जैविक खाद की भी उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। जिससे खरीफ फसल के साथ-साथ रबी फसल, उद्यानिकी, एवं बाड़ी से संबंधित फसलों के लिए समिति के माध्यम से किसानों को जैविक खाद आसानी से प्राप्त हो सके। इस हेतु सभी विभाग को आपसी समन्वय कर कार्य करने की हिदायत दी। साथ ही शहरी क्षेत्र के गोठानों में भी खाद निर्माण में तेजी लाने, अतिरिक्त गोबर से सुपर कम्पोस्ट खाद तैयार करने एवं निर्मित जैविक खाद को सहकारी समितियों में प्राथमिकता से भण्डारण करने के लिए निर्देशित किया।